तब की शिक्षा प्रणाली और अब की शिक्षा प्रणाली में क्या अंतर है? स्पष्ट करें।

तब और अब की शिक्षा प्रणाली में मुख्य अंतर इसके स्वरूप को लेकर है। जहां तब की यानि प्राचीन काल की शिक्षा प्रणाली गुरुकुल तक सीमित थी, वहीं वर्तमान शिक्षा प्रणाली कोचिंग इंस्टीट्यूट तक सीमित है। गुरूकुल में जहां विद्यार्थियों के लिए अनुशासन में रहना अनिवार्य था, वहीं आज की कोचिंग प्रणाली में विद्यार्थियों में अनुशासन की भावना को जगाने का काम न कर उनमें स्मार्टनेस की भावना को जगाया जा रहा है। जहां पहले की शिक्षा प्रणाली में शिक्षकों के प्रति समर्पण की मूल भावना छात्रों के अंदर विद्यमान थीं, वहीं आज इस स्वाभाविक समर्पण की भावना की गहराई को पैसे की चमक ने थोड़ा फीका कर दिया है। पेशेवराना ढंग ने आज की शिक्षा प्रणाली को ‘एक हाथ से ले और दूसरे हाथ से दे’ वाला बना दिया है। इस रवैये ने समर्पण के स्वरूप को भी बदल दिया है। एक और अन्तर जो पहले और अब की शिक्षा प्रणाली में उभर कर आया है वह है वर्तमान की शिक्षा प्रणाली में नैतिक शिक्षा का अभाव। जिस प्रकार से पहले की शिक्षा प्रणाली में सारा ध्यान छात्रों के नैतिक उत्थान पर दिया जाता था। वह बात अब शिक्षा के पेशेवर ढंग ले लेने से नहीं रही।


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